मंजर भोपाली का शेर/ग़ज़ल हिंदी/उर्दू - Manzar Bhopali Sher-Ghazal in Hindi Urdu


मंजर भोपाली साहब की एक बेहतरीन छोटी सी ग़ज़ल यहां पेस करता हूँ।

Manzar bhopali Sher/ghazal/shayari in hindi or urdu

आपसे नही बिछड़े, जिंदगी से बिछड़े हैं...

हम चराग़ अपनी ही, रौशनी से बिछड़े हैं....


इससे बढ़कर क्या होगा, सानेहा मुकद्दर का,

जिससे भी मोहब्बत की हम उसीसे बिछड़े हैं...

Manzar bhopali shahab shayari in hindi text and urdu language.