Latest Heart Touching Poem - अंजुम रहबर की नई कविता
अंजुम रहबर जी की फिरसे एक नई कविता लेकर आये है जो बहोती जबरदस्त है और बहोती खूबसूरत है जो पढ़के आपको बहोत अच्छा लगेगा जो प्यार और ग़म की बात बताती है ये poem.
Poem Name - आसमाँ छू के आने की ज़िद है मुझे,..
धूप है या घटा है मुझे क्या पता..
मुझको अपनी उड़ानों से है वास्ता,
किस तरफ की हवा है मुझे क्या पता...
है ताल्लुक़ जो टूटा तो टूटा रहे,
मुझसे रूठा है कोई तो रूठा रहे..
इन दिनों मैं तो खुद से भी नाराज़ हूँ,
कौन मुझसे ख़फ़ा है मुझे क्या पता...
आसमाँ छू के आने की ज़िद है मुझे...
मुझको मेहबूब है आपकी हर अदा,
बेवफाई है क्या ओर क्या है वफ़ा..
जो भी समजाइएगा समझ लुंगी में,
आपके दिल मे क्या है मुझे क्या पता..
तू मेरा रंग है तू मेरा रूप है,
तू मेरी छांव है तू मेरी धूप है,
तू जहाँ मिल गया में वहीं रुक गई,
घर है या रास्ता है मुझे क्या पता...
ख्वाहिशे भी नही, हसरते भी नही,
आरजू भी नही जुस्तजू भी नही..
ये जो दिल मेरे पहलू में आबाद है..
किस मर्ज की दवा है मुझे क्या पता...
मुझसे मिल कर वो "अंजुम" कहाँ खो गया,
लोग कहने लगे बेवफ़ा हो गया..
ढूंढती फिर रही हूँ मैं जिसका पता,
वो कहां लापता है मुझे क्या पता...
Poem Name - आसमाँ छू के आने की ज़िद है मुझे,..
Anjum Rahbar Poem |
अंजुम रहबर की Latest Heart Touching Poem In Hindi
आसमाँ छू के आने की ज़िद है मुझे,धूप है या घटा है मुझे क्या पता..
मुझको अपनी उड़ानों से है वास्ता,
किस तरफ की हवा है मुझे क्या पता...
है ताल्लुक़ जो टूटा तो टूटा रहे,
मुझसे रूठा है कोई तो रूठा रहे..
इन दिनों मैं तो खुद से भी नाराज़ हूँ,
कौन मुझसे ख़फ़ा है मुझे क्या पता...
आसमाँ छू के आने की ज़िद है मुझे...
मुझको मेहबूब है आपकी हर अदा,
बेवफाई है क्या ओर क्या है वफ़ा..
जो भी समजाइएगा समझ लुंगी में,
आपके दिल मे क्या है मुझे क्या पता..
तू मेरा रंग है तू मेरा रूप है,
तू मेरी छांव है तू मेरी धूप है,
तू जहाँ मिल गया में वहीं रुक गई,
घर है या रास्ता है मुझे क्या पता...
ख्वाहिशे भी नही, हसरते भी नही,
आरजू भी नही जुस्तजू भी नही..
ये जो दिल मेरे पहलू में आबाद है..
किस मर्ज की दवा है मुझे क्या पता...
मुझसे मिल कर वो "अंजुम" कहाँ खो गया,
लोग कहने लगे बेवफ़ा हो गया..
ढूंढती फिर रही हूँ मैं जिसका पता,
वो कहां लापता है मुझे क्या पता...
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